- कोविड शवदाह स्थल पर रोजाना 40 से अधिक जल रहीं लाशें
- 100 क्विंटल लकड़ियों की पड़ रही जरूरत, आधा दर्जन वाहनों से हो रही आपूर्ति
- कोविड शवदाह स्थल पर रोजाना 40 से अधिक जल रहीं लाशें
- 100 क्विंटल लकड़ियों की पड़ रही जरूरत, आधा दर्जन वाहनों से हो रही आपूर्ति
(प्रयागराज के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के अनुसार)
सरकारी आंकड़ों में मरने वालों का आंकड़ा चाहे जो भी हो, लेकिन फाफामऊ स्थित घाट का नजारा शनिवार को कुछ ऐसा था कि आंखें फटी की फटी रह जाएं। दोपहर डेढ़ बजे एक साथ डेढ़ दर्जन से अधिक शव जल रहे थे। घाटियों के मुताबिक यह क्रम सुबह आठ से बजे से शुरू होता है तो देर शाम तक चलता रहा है। घाट पर रोजाना 40 से अधिक शव जलाए जा रहे हैं। यह सिलसिला तकरीबन दो हफ्ते से बना हुआ है। इससे पहले प्रतिदिन 12 से 15 शव दाह संस्कार के लिए लाए जा रहे थे।
जिला प्रशासन ने फाफामऊ में कोविड शव दाह स्थल बनाया है, जो पिछले साल ही संचालित है। वहां कोरोना से मरने वालों का जलाकर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। शनिवार को घाट पर पहुंचने वाले शवों की संख्या सरकारी आंकड़ों में मृतकों के मुकाबले बिलकुल अलग थी। दोपहर डेढ़ बजे डेढ़ दर्जन से अधिक शव जलते नजर आए। कुछ शव एंबुलेंस में पड़े थे। वहां एसआरएन चिकित्सालय सहित तीन सरकारी एंबुलेंस के अलावा आधा दर्जन छोटी व निजी एंबुलेंस खड़ीं थीं। इन सभी एंबुलेंस में कोरोना से मरने वालों के शव रखे हुए थे।
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