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बिना फार्मासिस्ट के मेडिकलो पर बेच रहे दवा, कर रहे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

बिना फार्मासिस्ट के मेडिकलो पर बेच रहे दवा, कर रहे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़


देवा टीवी संवाददाता/अजय कुमार

पलिया कलां खीरी। नगर में सैकड़ों की संख्या में मेडिकलों पर बिना फार्मासिस्ट के दवाइयां बेची जा रही हैं। दिनभर मेडिकल से फार्मासिस्ट नदारद रहते हैं। वही एक झोला दवाईयां देने के बाद भी लोगों को फ़ायदा नहीं हो रहा है। जानकारों ने बताया पांचवीं पास छोटे-छोटे बच्चों के सहारे मेडिकल व अस्पताल चलाते देखे जा सकते हैं वही इन दुकानों पर जो भी दवाईयां दी जा रही है वह कितनी कारगर साबित होती है यह तो लोगों की ज़ुबानी सुनिए।  नगर के सुनील कहते हैं कि जिस तरह से मेडिकलो पर दवाइयां दी जा रही लगता नहीं है कि इन लोगों को किसी मरीज की चिंता रहती इन लोगों को तो बस रुपयों की चिंता रहती है फिर चाहे दवाईयां काम करें या ना करें। इसी पर मोहल्ले के राजू कहते हैं हम काफी दिनों से मेडिकलो की दवाईयां खाते-खाते थक चुका हूं, लेकिन आज तक किसी की दवाई फायदा नहीं की जबकि पलिया की ज्यातर मेडिकल की दवाई मंगा चुका हूं आज तक आराम नहीं मिलता दिखाई दिया तो हम ने लखनऊ से दवाईयां मंगानी सुरू कर दी जब से हमने बाहर से दवाईयां मंगवानी शुरू की है तब से आराम मिलता दिखाई देने लगा है। इसी तरह से कई लोगों ने भी इस महामारी में नगर में हो रही दवाईयों की कालाबाजारी और ब्लेक मार्केटिंग से इस कदर परेशान हैं कि किस्से कहे जो नगर में हो रही भ्रष्टाचारी पर लगाम लगा सके। इसमें कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि पलिया शहर में कालाबाजारी और ब्लैक मार्केटिंग की खबर मिलने के बाद भी कार्रवाई न होना चर्चा का विषय बना हुआ है।


जिम्मेदार अफसरों का इस ओर नहीं है ध्यान

पलिया में मेडिकलों पर बरती जा रही इस लापरवाही से लोगों में आक्रोश है। नागरिकों का कहना है कई बार मेडिकल पर तैनात युवक पर्ची पढ़कर मिली-जुली कंपनी की दवाइयां थमा रहे हैं। इससे मरीज पर दवा असर नहीं कर रही है। फार्मासिस्ट सुबह मेडिकल खुलने के बाद निकल जाते हैं। देर शाम को ही लौट रहे हैं। इस कारण कुछ मेडिकलों पर बिना डिग्रीधारी युवकों को रखा गया है। इन्हें दवाइयों की थोड़ी बहुत समझाइश दी जाती है। ऐसे में मरीजों को गलत दवा भी मिल सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। नगर के मेडिकलो पर बिना फार्मासिस्ट के दिनभर दवाइयां बेची जा रही है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


ग्रामीण सबसे अधिक मुसीबत झेल रहे

पलिया ब्लाक के आसपास गांवों से दवा लेने के लिए पहुंचने वाले ग्रामीणों को काफी दिक्कत झेलना पड़ रहा है। गांव के ग्रामीणों ने कहा हम मेडिकल पर दवाई लेने पहुंचते हैं तो फार्मासिस्ट नहीं होने पर युवक बिना पढ़े दवाई दे रहे हैं। कई बार वापस लौटना पड़ता है। हमें दुकान पर मौजूद युवकों पर ही यकीन करके दवा लेना पड़ रहा है। पूछने पर कहते हैं फार्मासिस्ट हमें ट्रेनिंग देकर गए हैं। ऐसी लापरवाही किसी भी समय भारी पड़ सकती है।

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