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बेबसी: कोविड पॉजिटिव पुत्र करता रहा पिता की बॉडी के अंतिम संस्कार का इंतजार

बेबसी: कोविड पॉजिटिव पुत्र करता रहा पिता की बॉडी के अंतिम संस्कार का इंतजार


DEVA TV : विशेष संवाददाता राजेश सरकार 

नैनी एरिया के शिवनगर मोहल्ले में गली नंबर दो में रहने वाले सीनियर सिटीजन आलोक सोलंकी (62) कोराना संक्रमित हो गए थे। सोमवार की भोर में आक्सीजन लेबल कम होने से घर में ही उनकी मौत हो गई। उनका पुत्र विरेष सोलंकी (32) भी कोविड पॉजिटिव है और इस वक्त होम क्वारंटाइन है। दो छोटी बहनों का इकलौता भाई विरेष की मजबूरी कहें या बेबसी चाह कर भी वह पिता की बॉडी का अंतिम संस्कार नहीं करा पा रहा था। फोन के जरिए सभी सरकारी हेल्प लाइन नंबरों पर सहायता के लिए फोन किया लेकिन कहीं से भी पॉजिटिव आंसर नहीं मिला। वहीं कुछ नंबर रिसीव ही नहीं किया गया। फिर विरेष ने अपने पड़ोसी मित्र राहुल बनर्जी से बात की। राहुल ने उसके पिता के अंतिम संस्कार के लिए प्राइवेट कोविड एम्बुलेंस सेवा वालों से बात की। वहीं राहुल के पिता मुन्ना बनर्जी ने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी से उनके मोबाइल फोन पर आलोक सोलंकी के अंतिम संस्कार के लिए मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग लंबी नींद से जागा और मुन्ना बनर्जी से सोमवार शाम साढ़े पांच बजे शिवनगर मोहल्ले का पता पूछने लगा। लेकिन तब तक प्राइवेट एम्बुलेंस की व्यवस्था हो चुकी थी और मौके पर पहुंचे कोविड योद्धाओं ने आलोक सोलंकी की बॉडी को सील कर अंतिम संस्कार के लिए ले गये। मृतक के साले और एक अन्य रिश्तेदार भी अंतिम संस्कार के लिए गए थे। विरेष ने बताया कि वह आबूधाबी में महेंद्रा टेक फर्म में काम करता है और आबूधाबी जाने से पहले उसने कंपनी की तरफ से कोविड जांच कराई जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर विरेष होम क्वारंटाइन हो गया। इसके बाद उनके पिता आलोक सोलंकी की तबीयत बिगड़ी। रविवार रात से उनकी हालत गंभीर होने लगी। फिर सोमवार भोर में उनका आक्सीजन लेबल एकाएक कम होने लगा। सरकारी अस्पतालों के कोविड मामले देख रहे डाक्टरों से गुहार लगाई गई। लेकिन कोई भी मरीज को देखने व भर्ती करने के लिए तैयार नहीं था। आखिरकार आलोक सोलंकी कोराना महामारी में चल बसे।

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