- जमीन संबंधी विवाद को लेकर मामा भांजा पुलिस चौकी में दो पक्षों में झड़प, फायरिंग, दो घायल
- घटना को लेकर थाने पर पहुंचे अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज, एक वकील का सिर फूटा
- समाचार संकलन करने गए पत्रकारों के साथ पुलिस ने की बदसलूकी
नैनी पुलिस चौकी में जमीन विवाद ने लिया हिंसक रूप: लाठी-डंडे और गोलीबारी में दो घायल, अधिवक्ता और पत्रकारों से भी की गई बदसलूकी
नैनी, प्रयागराज। नैनी थाना क्षेत्र के रीवा रोड स्थित मामा-भांजा तालाब पुलिस चौकी पर बृहस्पतिवार की शाम जमीन संबंधी विवाद ने उस समय हिंसक रूप ले लिया जब दोनों पक्षों के बीच झड़प के दौरान लाठी-डंडे चलने लगे और एक पक्ष की ओर से गोलीबारी भी की गई। इस घटना ने पुलिस की चौकसी और कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि पूरी घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई।
मिली जानकारी के अनुसार, शाम करीब 5 बजे दो पक्ष अपने जमीन विवाद को सुलझाने के उद्देश्य से मामा-भांजा पुलिस चौकी पहुंचे थे। प्रारंभिक बातचीत के दौरान ही दोनों पक्षों के बीच कहासुनी तेज हो गई और देखते ही देखते लाठी-डंडों से हमला शुरू हो गया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब एक पक्ष की ओर से गोली चला दी गई, जिससे शैलेश मिश्रा और पीयूष मिश्रा घायल हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र और एसीपी करछना वरुण कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। घायलों को तत्काल सीएचसी चाका में भर्ती कराया गया। दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है।
कोतवाली में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज
घटना की जानकारी पर आक्रोशित अधिवक्ता बड़ी संख्या में नैनी कोतवाली पहुंचे। अधिवक्ताओं का कहना था कि पुलिस की मौजूदगी में इस तरह की घटना होना बेहद चिंताजनक है। कोतवाली में स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई जब पुलिसकर्मियों ने अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान अधिवक्ता आकाश मिश्रा के सिर में गंभीर चोट आई।
पत्रकारों से भी किया गया दुर्व्यवहार
घटना की कवरेज के लिए कोतवाली पहुंचे पत्रकारों के साथ भी पुलिस ने अभद्रता की। एक घायल अधिवक्ता की तस्वीर लेने पर पुलिस ने पत्रकारों के मोबाइल छीनने की कोशिश की और समाचार संकलन में बाधा डाली। इससे मीडिया कर्मियों में रोष व्याप्त हो गया।
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डीसीपी से की गई शिकायत
पत्रकारों ने डीसीपी यमुनानगर से मिलकर पुलिस की कार्यशैली पर शिकायत दर्ज कराई। डीसीपी ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस चौकी में गोली चलना अत्यंत गंभीर मामला है, इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
सवालों के घेरे में पुलिस व्यवस्था
पुलिस चौकी में ही हिंसा और फायरिंग होना यह दिखाता है कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस कितनी लापरवाह है। चौकी की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और विवाद निपटाने की प्रक्रिया पर यह घटना एक गंभीर धब्बा बन गई है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सम्बंधित लोगो ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, अधिवक्ताओं और पत्रकारों पर हुई पुलिस की बर्बरता के विरोध में आगे आंदोलन की संभावना भी जताई जा रही है।
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