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कौन सुनेगा इनकी, हलफनामा से परे है इनकी जिंदगी

लिखित सच्चाई वादों और हलफनामा से काफी दूर है प्रयागराज की ही बात


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प्रयागराज। प्रयागराज हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश सरकार के तत्वाधान में हाई कोर्ट हलफनामा दाखिल किया जिसके तहत उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के बाद लोगों के रोजगार के प्रति संवेदना जताई और यह कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार के लॉकडाउन इसी विचार नहीं कर सकती है क्योंकि प्रदेश सरकार गरीब एवं आम जनता के रोजगार पर रोक नही लगाना चाहती हैं।

लिखित सच्चाई वादों और हलफनामा से काफी दूर है प्रयागराज की ही बात करें तो लगभग एक लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स प्रयागराज में अलग-अलग प्रकार के खाने पीने के अलावा अन्य सामानों की खरीद फरोख्त करते हैं और यह व्यापार एक बड़े वर्ग को प्रदर्शित करता है कोरोना महामारी के इस दूसरे आक्रमण के बाद इतनी बड़ी संख्या में इन व्यापारियों का प्रयागराज की सड़कों से है जाना काफी दु:खद है। इसके दो कारण हैं, पहला इसमें से अधिकांश लोग ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं जो लोग प्रयागराज के मलिन बस्ती में निवास करते हुए ठेला खोमचा लगाकर अपने व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं दूसरे लोग हैं जो प्रयागराज के प्रशासन के भेदभाव का शिकार हुए हैं यानी कि यदि आप चाय की दुकान किसी पक्के दुकान में लगाए हुए हैं आप दुकानदार माने जाएंगे अगर आप ठेलों और खोमचो में दुकान लगाए हैं तो आप का कोई अस्तित्व नहीं है।

नगर निगम पुलिस प्रशासन एवं प्रशासन द्वारा कानूनी दांव पेंचो का हवाला देते हुए इन लोगों को व्यापार करने से रोकती है जिसके वजह से यह लोग अब इस महामारी कार्य में पूर्ण रूप से समाप्त होते हैं लगे हैं जहां एक और कोरोना वायरस संक्रमण का डर एवं महामारी अधिनियम के तहत दुकान लगाने से इन्हें रोका जा रहा है वही कई नियमों एवं कायदों की वजह से अपने ठेलों और खोमचो  के लाइसेंस का पुनः नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं जिसकी वजह से नगर महापालिका नगर निगम आदि का सामना करना पड़ रहा है ऐसा नहीं है महामारी काl में बड़े दुकानदारों पर असर नहीं हो रहा है सच्चाई है कि जो लोग खुद ही रोजाना की आजीविका पर जीवित हो उन्हें किसी प्रकार की कोई सरकारी सहायता न दी जाए तो वह जीवित ही कैसे रहेंगे दुकानदारों का भी मानना है या तो पूर्ण रूप से लॉक डाउन कर दिया जाए जिससे इस महामारी रोक लगाई जाए ताकि आगे चलकर यह लोग एक बार पुनः अपने रोजगार के संसाधनों को व्यवस्थित कर सके या फिर इनको भी दुकानदारी करने की छूट दी जाए ताकि तीज त्योहार की इस मौसम में कुछ मुनाफा कमा कर अपने परिवार की सालाना भरण पोषण का व्यवस्था कर सकें।

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