- बीपीसीएल में 3000 सेमी फिनिस्ड आॅक्सीजन सिलेंडर हैं तैयार
- केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने का है इंतजार
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प्रयागराज। कमिश्नर संजय गोयल और डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के महाप्रबंधक अजय चैरसिया की देख रेख में प्रपोजल तैयार कर शासन को भेजने के बाद कम्पनी में चहल-पहल शुरू हो गई। प्रपोजल शासन को भेजने के बाद से कंपनी में बेकार पड़े पुराने ऑक्सीजन सिलेंडरों की जांच शुरू हो गई है। कम्पनी में कुछ कर्मचारियों को बुलाकर गोदाम चेक किया गया तो बड़ी संख्या में बने हुए सिलेंडर पड़े हैं।
उनमें मामूली सुधार करके उपयोग के लिए दिया जा सकता है। साथ ही सिलेंडर बनाने वाली मशीनों की सफाई और ग्रीसिंग की गई। चूंकि अभी सख्त जरूरत है, इसलिए संचालन का आदेश जल्द आ सकता है। अनुमति मिलते ही उत्पादन कार्य शुरू हो जाएं इसके लिए मशीनों की सफाई भी शुरू हो गई।
बीपीसीएल बचाओ संघर्ष समिति और बीपीसीएल इम्प्लाईज यूनियन के महामंत्री ओम प्रकाश ने बताया कि संस्थान में इस समय लगभग 3000 सेमी फिनिस्ड अवस्था में आॅक्सीजन सिलेंडर्स तैयार हैं जो कुछ मशीनिंग कार्य के बाद पूर्णतया उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा। सभी सिलेंडरों को बीआईएस द्वारा जांचा गया है। महामंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार आपातकाल में जनजीवन की रक्षा के लिए कंपनी के बंदी के निर्णय पर पुर्नविचार करते हुए बीएचईएल द्वारा चलाने का आदेश देती है तो यह संस्थान ओएनजीसी, एनपीसीआईएल, आईओसीएल इत्यादि को पम्प्स और कम्प्रेशर्स की आपूर्ति के साथ पूरे भारत में आॅक्सीजनसिलेंडर उपलब्ध कराने में सक्षम साबित होगी।
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