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चार दिन में जेल से जमानत पर रिहा हुए 295 विचाराधीन बंदी 01 अप्रैल को सात साल की सजा वाली धाराओं में बंद 20 बंदियों को मिली जमानत


चार दिन में जेल से जमानत पर रिहा हुए 295 विचाराधीन बंदी
01 अप्रैल को सात साल की सजा वाली धाराओं में बंद 20 बंदियों को मिली जमानत

यूपी न्यूज़ : संवाददाता
नैनी, प्रयागराज। कोरोना वायरस की वजह से सात साल तक की सजा में जेल भेजे गए विचाराधीन कैदियों की जमानत पर रिहाई का सिलसिला चौथे दिन भी जारी रहा। बुधवार को नैनी सेंट्रल जेल से 20 विचाराधीन बंदियों को जमानत पर देर शाम रिहा किया गया। इस तरह से अब तक कुल 295 विचाराधीन बंदियों को जमानत पर छोड़ दिया गया।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश की सभी जेलों में सात साल तक की सजा वाली धाराओं में सजायाफ्ता व विचाराधीन बंदियों को पैरोल और जमानत पर छोड़े जाने का आदेश शासन की तरफ से आया है। केंद्रीय कारागार नैनी में गत 29 मार्च से सात साल तक की धाराओं में विचाराधीन कैदियों की रिहाई प्रक्रिया शुरू की गई। पहले दिन 45 विचाराधीन कैदियों को जमानत पर रिहा किया गया। 30 मार्च को 36, 31 मार्च को 194 व 01 अप्रैल को 20 विचाराधीन कैदियों को जमानत पर छोड़ा गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह ने बताया कि अभी सिर्फ विचाराधीन बंदियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश शासन से आया है। सजायाफ्ता बंदियों के लिए कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए अभी सजायाफ्ता बंदियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। 
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कैदियों से जेल में मिलाई अग्रिम आदेश तक स्थगित, पीसीओ सुविधा मिलती रहे

नैनी, प्रयागराज। केंद्रीय कारागार नैनी में बंद करीब 4200 कैदियों को अपने परिजनों से मिलने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। कोरोना वायरस के खौफ और लाक डाउन के अनुपालन के तहत जेल प्रशासन ने यह निर्णय लिया है, जो 31 मार्च से अग्रिम आदेश तक लागू रहेगा। कैदियों को अपने घरवालों से बात करने के लिए जेल में लगे पीसीओ के जरिए हफ्ते में हफ्ते में एक से अधिक बार बात करने की सुविधा जारी रहेगी। इसके लिए शपथ पत्र प्रस्तुत करना जरूरी है। वरिष्ठ जेल जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह ने बताया कि जनता कफ्र्यू के बाद प्रत्येक कैदी से तीन की जगह एक मुलाकाती की मुलाकात करने का आदेश दिया गया था, लेकिन लाकडाउन का आदेश आने पर 31 मार्च तक के लिए उसे भी रोक दिया गया था। 31 मार्च की रात में ही मिलाई प्रक्रिया पर प्रतिबंध की तारीख अग्रिम आदेश तक बढ़ा दी दिया गया।

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