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युवाओं के लिए मिसाल बन रहे हैं वैभव श्रीवास्तव

लोगों को स्वस्थ करने में जुटा प्रयागराज का उभरता युवा वैभव श्रीवास्तव


कोरोना संक्रमित मरीज को जहाँ लोग छूने से डर रहे और परिवार वाले कंधा भी देने में हिचकिचा रहे है, लोग अपने घरों से बाहर नही निकल रहे है, कोई किसी की सेवा के लिए कोई खड़ा नही हो रहा है। ऐसे हालात मे प्रयागराज का एक उभरता हुआ युवा नेता ट्विटर, फेसबुक और कॉल्स के माध्यम से आम जनमानस की जरूरतों के हिसाब से स्वास्थ्य सेवा में मदद करने में लगे हुए है।

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प्रयागराज। सोशल मीडिया के महारथी और भाजपा प्रयागराज के पूर्व आईटी जिला सह संयोजक वैभव श्रीवास्तव ने लोगों को अपने सोशल मीडिया के माध्यम से इस महामारी के समय स्वास्थ्य सेवाएं देने में जुटे हुए हैं। 

वैभव श्रीवास्तव इस महामारी में सेवा परमो धर्मा: को मंत्र मानकर कार्य कर रहे है। मरीजो को भर्ती कराने में, आक्सीजन ब्लड व प्लाजमा उपलब्ध कराने में बहुत अहम भूमिका निभा रहे है। इसके लिए ट्वीटर व मोबाइल पर आने वाली काॅल व मैसेजस को सूचीबद्ध कर संबधित क्षेत्र के साथी व चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से निस्तारण कर रहे हैं जिससे लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल जा रही ओर लोगों को एक नया जीवन मिल रहा है।

गौरतलब है कि इन दिनों वैभव श्रीवास्तव का खुद स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसके बावजूद वह लगातार दिन-रात सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के माध्यम से लोगो को सहायता दिलवा रहे है। खास बात यह है कि युव नेता वैभव श्रीवास्तव के पास रोजाना 15-20 काॅल व ट्वीट के माध्यम से जरूरतें आ रही है। जिसमें ज्यादातर की समस्या ऑक्सीजन व ब्लड डोनर उपलब्ध कराने की होती है। रोजाना 60-70 फीसदी समस्याओ का निस्तारण वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मदद से कर रहे।

मरीज बेटे के पिता ने वैभव को बताया फरिश्ता 

वैश्विक महामारी कोरोना काल में वैभव श्रीवास्तव कम से कम 10-15 लोगों की सहायता प्रतिदिन कर रहे हैं, वैभव श्रीवास्तव लगातार सोशल मीडिया पर अपडेटेड रहते हैं, लोगों के द्वारा मांगी जा रही स्वास्थ्य जरूरतें पर तत्काल संज्ञान लेकर हर हालत में मरीज को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में जुटे हुए हैं, कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया के माध्यम से सहायता करने पर एक मरीज बेटे के पिता ने वैभव श्रीवास्तव को कॉल करके उनका धन्यवाद किया साथ ही कहा कि वैभव जी आप कौन हैं, मैं नहीं जानता लेकिन आपकी सहायता से मेरे बेटे की जान बची है, आप भगवान का फरिश्ता बनकर आए हैं मेरे लिए, जिसको मैं कभी भुला नहीं सकता, इस बात को सुनते हुए वैभव की आंखो में आंसू आ गए।

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