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लघु उद्योग मैदान नैनी में पटाखा खरीदते स्थानीय लोग |
धनतेरस : बाजार में 12 सौ करोड़ से ज्यादा के कारोबार का अनुमान
व्यापारियों के खिले चेहरे, नैनी में पटाखा व्यापारी रहें निराश
नैनी में दिनभर जाम के झाम से जूझते रहें लोग
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नैनी / प्रयागराज। धनतेरस के साथ शुक्रवार से पांच के बजाय इस बार छह दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो गई। चौक, सिविल लाइंस, कटरा, कोठापार्चा, नैनी बाजार, सरगम, आदि बाजार दुल्हन की तरह सजे रहे। सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। एलईडी, आटोमोबाइल, ज्वेलरी, फ्रिज सहित बर्तन, गणेश - लक्ष्मी व हनुमान एवं कुबेर जी की मूर्ति, आदि की खरीदारी की गई। कहा जाता है कि धनतेरस को खरीदी गई वस्तु शुभ होती है। इस मान्यता को भुनाने के लिए संगम नगरी का बाजार तैयार है। ज्वेलरी और बर्तन सेक्टर तो इस खास दिन के लिए वर्ष भर इंतजार करता है। शायद इसी वजह से तमाम नामी शोरूम को ज्वेलरी की अच्छी बुकिंग मिली है। लोगों की ऑटोमोबाइल के प्रति दीवानगी भी कायम है। इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भी पूरी तरह से गुलजार है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि धनतेरस पर ही 12 सौ करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार संगम नगरी में हो सकता है।
प्रयागराज - मिर्जापुर हाइवे पर जाम के झाम से जूझते रहें लोग
धनतेरस के पावन पर्व पर शुक्रवार को प्रयागराज - मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोग दिनभर जाम के झाम जूझते दिखाई दिए। यह जाम नैनी क्षेत्र के अरैल चौराहा, कॉटन मील तिराहा, शंकरढाल, सब्जी मंडी, मेवालाल बगिया, सरगम व पीडीए मोड़ पर देखने को मिला। कई स्थानों पर जाम इतना ज्यादा था की लोगो को 100 मीटर पहुंचने में कम से कम 40 मिनट लग रहा था।
नैनी में कहीं ख़ुशी कहीं गम, लाखो रूपये लगा कर पटाखा व्यापारी परेशान
धनतेरस के मौके पर नैनी के क्षेत्रवासियों में भारी उत्साह देखा गया, जबकि अच्छी सेलिंग के चलते दुकानदारों में ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। इन सब के बीच क्षेत्र के लघु उघोग मैदान में लगने वाले पटाखा के व्यापारी शुक्रवार को भी हैरान व परेशान दिखाई दिए। उनका कहना था कि प्रशासन द्वारा 32 लोगो को पटाखा गलाने का लाइसेंस दिया जाना था, पर अभी गुरुवार तक 1 व्यापारी एवं शुक्रवार देर शाम सिर्फ 2 व्यापारी को ही पटाखा की दुकान लगाने का लाइसेंस दिया गया है। आज धनतेरस है जबकि आज सबसे ज्यादा पटाखों की बिक्री होती है पर पता नहीं किस वज़ह se प्रशासन द्वारा अभी तक सभी को दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी है। वही एक पटाखा व्यापारी का कहना था की हम लोगो ने लाखो रूपये लगाए है ता की कुछ पैसे कमा लिया जाये पर क्षेत्रीय प्रशासन इस बार ध्यान ही नहीं दे रही रही है।
पटाखा की इकलौती दुकान खुली होने के कारण ग्राहकों ने जमकर खरीदें पटाखे
क्षेत्र के लघु उद्योग मैदान में लगे पटाखे की दुकान पर धनतेरस पर खरीददारी करने वालो का ताता लगा रहा। ग्राहकों ने बताया की इस बार कई प्रकार के नए - नए पटाखे देखने को मिल रहे है, पर और भी दुकाने खुली होती तो अधिक वैरायटी देखने को मिलती।
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