नहीं रहें सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय, लंबी बीमारी के बाद 75 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया है। मुंबई के अस्पताल में 75 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली
सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया है। मुंबई के अस्पताल में 75 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। सुब्रत रॉय पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे, उन्हें कई समस्याएं थीं। लेकिन अब उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। उद्योग जगत में उनके जाने से शोक की लहर है और सभी उनकी आत्मा की शांति की कामना कर रहे हैं।
सुब्रत रॉय को क्या बीमारी थी?
सहारा कंपनी ने एक जारी बयान में सुब्रत रॉय के निधन पर शोक व्यक्त कर दिया है। उनकी तरफ से बताया गया है कि 14 नवंबर को रात साढ़े दस बजे कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट की वजह से उनका निधन हो गया। वे 12 नवंबर से मुंबई के कोकिलाबेन धीरुबाई अंबानी अस्पताल में एडमिट थे। दिवाली वाली रात ही उनकी तबीयत बिगड़ी थी और तब उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। बताया गया है कि सुब्रत रॉय लंबे समय से डायबिटीज, हाइपरटेंशन और metastatic malignancy से ग्रसित चल रहे थे। उन्हीं बीमारियों की वजह से उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और 75 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
कौन थे सहारा प्रमुख?
जानकारी के लिए बता दें कि सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून, 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। कोलकाता में उनकी शुरुआती शिक्षा हुई थी और उसके बाद गोरखपुर के एक सरकारी कॉलेज से उन्होंने मेडिकल इंजीनियरिंग की अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उनके जानने वाले बताते हैं कि सुब्रत रॉय बचपन से ही पढ़ाई में ज्यादा तेज नहीं थे, लेकिन दूसरे कामों में उनका पूरा मन लगता था। हमेशा से लीक से हटकर काम करने के लिए वे जाने जाते थे। यहां ये समझना जरूरी है कि सहारा कंपनी बनाने से पहले सुब्रत रॉय को काम करने का एक लंबा अनुभव था। उन्होंने काफी संघर्ष और मेहत करने के बाद वो मुकाम हासिल किया था। सहारा को बनाने से पहले सुब्रत ने 18 सालों तक रियल एस्टेट में काम किया, उन्हें बिजनेस चलाने का भी 32 साल का एक्सपीरियंस रहा। अब कंपनी की स्थापना तो उन्होंने कर दी थी, लेकिन समय-समय पर उनका विवादों के साथ भी एक मजबूत नाता रहा।
विवादों से रहा नाता
पटना हाई कोर्ट में कई सालों तक एक मामला लंबित रहा जहां पर कहा गया कि लोगों को उनका पैसा वापस नहीं मिला। कहा गया था कि इन लोगों ने कंपनी की कई स्कीम्स में अपना पैसा लगाया जो बाद में डूब गया। ये अलग बात रही कि सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में सुब्रत रॉय को बड़ी राहत देने का काम किया था।
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