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900 साल बाद लग रहा है ऐसा सूर्य ग्रहण, आज ग्रहण के बाद करें अमावस्या पर ये उपाय




दिल्ली। 21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। यह ग्रहण रविवार को लग रहा है इसलिए इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है।  इससे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है। वहीं ज्योतिषियों के अनुसार एक ही माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदाओं के साथ ही महामारी लेकर आते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार अमावस्या पर यह ग्रहण लगने के कारण अमावस्या का श्राद्ध कर्म ग्रहण के बाद होगा।

ग्रहण से पहले एक बार स्नान कर लें। उसके बाद ग्रहण के दौरान भगवान का जाप करें। कहते हैं इससे भगवान को बल मिलता है। इसके बाद दोबारा स्नान करने के बाद मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य करना चाहिए।  


मां तारा ज्योतिष संस्थान के अनिल मिश्रा के अनुसार मिथुन राशि में होने जा रहे,इस ग्रहण के समय मंगल जल तत्व की राशि मीन में स्थित होकर सूर्य,बुध,चंद्रमा और राहु को देखेंगे,जो अशुभ संकेत है। अनिल ने कहा कि राहु और केतु तो सदैव उल्टी चाल ही चलते हैं,तो इस लिहाज से कुल छह ग्रह वक्री रहेंगे। यह स्थिति पूरे विश्व में उथल-पुथल मचाएगी।

6 घंटे लंबा होगा ग्रहण-
21 जून को सुबह 9:15 बजे ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में पूर्ध ग्रहण दिखेगा। इस दौरान कुछ देर के लिए हल्क अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।

चूड़ामणि सूर्य ग्रहण, बंद हुए मंदिरों के कपाट


आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 21 जून दिन रविवार को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण (चूड़ामणियोग) लगेगा जो भारत में भी दिखाई देगा। हनुमान सेतु मन्दिर के वेदाचार्य गोविन्द शर्मा व ज्यातिषी आनन्द दुबे ने बताया कि लखनऊ में ग्रहण का समय प्रात:10:27 बजे प्रारम्भ 12:12 बजे मध्य एवं दोपहर 01:58 बजे मोक्ष यानी ग्रहण की समाप्ति होगी।

बताया कि इस ग्रहण का सूतक 12 घण्टे पूर्व अर्थात आज रात्रि 10:27 से प्रारम्भ हो जायेगा। इस कारण राजधानी के मन्दिर 21 जून को प्रात: नहीं खुलेंगे। हनुमान सेतु मन्दिर के प्राचार्य चन्द्रकांत द्विवेदी ने बताया कि ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले 20 जून की रात 10:27 बजे से शुरु हो जाएगा। इस कारण मन्दिर 21 जून को प्रात: नहीं खुलेगा। उसी दिन शाम 4 बजे मन्दिर के पट खुलेंगे। राजेन्द्रनगर के महाकाल मन्दिर के संयोजक अतुल मिश्रा ने बताया कि 20 की रात 10 बजे मन्दिर के पट बन्द होंगे 21 की शाम 5:30 बजे सफाई होने के बाद बाबा महाकाल के दर्शन होंगे।

डालीगंज के मनकामेश्वर मन्दिर, नया हनुमान मन्दिर अलीगंज, अमीनाबाद हनुमान मन्दिर, पक्कापुल स्थित लेटे हुए हनुमान मन्दिर, मेडिकल कालेज चौराहा स्थित छांछी कुआं हनुमान मन्दिर, चौक के बड़ी कालीजी मन्दिर समेत अन्य मन्दिर ग्रहण के चलते 21 को प्रात: बन्द रहेंगे। शाम को मंदिरों में दर्शन होंगे।


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