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कथक नृत्य ने बांधा समा, प्रयागराज के पारंपरिक 'ढेड़िया' लोक नृत्य देख कर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध


महापौर के द्वारा किया गया ग्राम शिल्प महोत्सव का भव्य शुभारम्भ

सांस्कृतिक संध्या का हुआ आयोजन, देश भक्ति और भजनों पर प्रतिभागियों ने की एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति

कथक नृत्य ने बांधा समा, प्रयागराज के पारंपरिक 'ढेड़िया' लोक नृत्य देख कर दर्शक हुए मंत्रमुग्ध 

प्रयागराज। यमुनापार क्षेत्र के सबसे बड़े शिल्प मेला व सांस्कृतिक महोत्सव "ग्राम शिल्प महोत्सव" का भव्य शुभारंभ NSIC परिसर उद्योग नगर नैनी, प्रयागराज में मुख्य अतिथि महापौर प्रयागराज गणेश केसरवानी के द्वारा किया गया। 

गुरुवार को 11वां ग्राम शिल्प महोत्सव के शुभारंभ के पश्चात महापौर गणेश केसरवानी ने ग्राम शिल्प महोत्सव को यमुनापार का ऐतिहासिक मेला बताते हुए कहा कि आज पूरे विश्व में भारत के हस्तशिल्पियों और ग्रामोद्योग संस्थानों द्वारा निर्मित वस्तुओं का डंका बज रहा है। इनके वस्तुओं के डिजाइन और गुणवत्ता की चर्चा सात समंदर पार भी हो रही है।

श्री गणेश केसरवानी ने प्रयाग वासियों से अनुरोध किया कि वह एक बार इस ग्राम शिल्प महोत्सव में अवश्य आए और देश के कोने-कोने से अपने हस्त निर्मित उत्पादों को लेकर आए हुए शिल्पियों का उत्साह वर्धन करें। उन्होंने कहा कि हम अपने तीज त्योहार पर अपने देश के छोटे-छोटे दुकानदार भाइयों से ही वस्तुओं को खरीदें। ऑनलाइन की खरीदारी बहुत आवश्यक होने पर ही करें।

कार्यक्रम के संयोजक पीयूष ग्रामोद्योग सेवा समिति के सचिव दत्तात्रेय पांडेय ने बताया कि उक्त ग्राम शिल्प महोत्सव 17 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक चलेगा l इस शिल्प महोत्सव में फर्नीचर, क्रोकरी, खादी, सूती एवं रेशम के वस्त्र, रेडीमेड वस्त्र,  कालीन, दरी, चादर, पर्दे ,सजावट के समान ,आयुर्वेदिक दवाएं, प्रतापगढ़ के प्रसिद्ध आंवला के उत्पाद, लकड़ी के समान, खिलौने, झूले और स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए हैं I 

घास-फूस के बने शंकर जी के मंदिर, फवारा और सांस्कृतिक संध्या हेतु बनाए गए मुक्त काशी मंच आकर्षण के केंद्र हैं। प्रतिदिन महोत्सव में पूरे प्रयागराज जनपद के लगभग 900 छोटे-बड़े नवोदय और स्थापित कलाकार सांस्कृतिक संध्या में अपनी प्रस्तुतियां देंगे, साथ ही संगीत- कला- निबंध- रंगोली- गायन- वादन की प्रतियोगिताएं भी प्रतिदिन आयोजित की जाएगी और विजेता छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा। 

मां शारदा संगीत समिति, सौराष्ट्र सेवा संस्थान, यमुना पार कलाकार संघ, ड्यूटी कंप्यूटर इंस्टिट्यूट, निर्णायक मंडल में प्रोफेसर आकांक्षा पाल,प्रोफेसर संगीता विश्वकर्मा, संचालक श्वेता श्रीवास्तव, गायक आशीष शर्मा, अभिषेक सिंह, अपर शासकीय अधिवक्ता शशांक शेखर पांडेय, भाजपा नेता आशीष गुप्ता, श्री कमलेश चंद्र मिश्र, विजय कनौजिया, धनंजय सिंह, सचिन दुबे, संतोष तिवारी, राष्ट्रीय अलग उद्योग निगम लिमिटेड के डायरेक्टर जेपी सिंह आदि मौजूद रहे।


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